ऑटोमोबाइल, डेस्क रिपोर्ट। देश में ऐसे कई स्टार्टअप तैयार हो चुके हैं, जो इलेक्ट्रिक स्कूटर का निर्माण कर रहे हैं और इनकी संख्या बढ़कर दर्जन भर से ज्यादा हो चुकी है। आपको शायद यकीन नहीं होगा लेकिन देश में इन दिनों 22 कंपनियां इलेक्ट्रिक टू व्हीलर पर काम कर रही हैं।
यह भी पढ़ें – करण जौहर की बर्थडे पार्टी में ऋतिक अपनी गर्लफ्रेंड सबा के साथ जलवे बिखेरते दिखे
आपको बता दें कि हर कंपनी के पास ग्राहकों को फुलप्रूफ प्रोडक्ट पेश करने के लिए फाइनेंशियल समर्थन, मैन्युफैक्चरिंग एफिशिएंसी, नैतिकता और मैन्युफैक्चरिंग एक्सपेटाइज नहीं होती है। खास तौर पर तब जब भारतीय ग्राहक जिनमें से अधिकांश भी तकनीक के लिए नए है तो ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए डील करना थोड़ा सा रिस्की है।
यह भी पढ़ें – Mandi bhav: 26 मई 2022 के Today’s Mandi Bhav के लिए पढ़े सबसे विश्वसनीय खबर
अभी इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल के लिए भारतीय बाजार में मेच्योर नहीं हुआ है। ना ही भारतीय सरकार ने इसके लिए कोई प्रॉपर गाइडलाइन तैयार की है। इसी वजह से कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग की क्वालिटी के साथ समझौता करके ज्यादा प्रॉफिट पर ध्यान दे रही हैं। क्वालिटी में समझौता करने के कारण ही पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आई है।
यह भी पढ़ें – जब तक सूरज चांद रहेगा, आकिल तेरा नाम रहेगा के नारो के बीच अमर शहीद को दी गई अंतिम विदाई
जिसमें सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल कंपनी ओला, ओकीनावा, प्योर इवी समेत दूसरे स्टार्टअप भी शामिल है। जिनके गाड़ियों में आग लगे हैं। देश भर में बढ़ते हादसे की वजह से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने “सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव एंड एनवायरमेंट सेफ्टी” (CFEES) को इन स्कूटर में आग लगने की जांच करने का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें – राहुल गांधी को भारत जोड़ो, नही कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए: डॉ नरोत्तम मिश्रा
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण जो उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय का एक हिस्सा है। महीने की शुरुआत में ही प्योर ईवी और बूम मोटर्स को कानूनी नोटिस भेज चुकी है। इसमें कहा गया है कि वह इस बात का स्पष्टीकरण दें कि अप्रैल में उनके प्रोडक्ट्स में आग क्यों लगी है। साथ ही अन्य कंपनियों को भी यह नोटिस भेजा गया है।
यह भी पढ़ें – लॉन्च हुई धांसू मोटर साइकिल, लुक इतना जबरदस्त की हर कोई लेने के लिए तैयार
डीआरडीओ के CFEES ने भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु को जांच में शामिल किया था। जब आग लगने के मामलों की जांच की गई तो चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आए। DRDO की रिपोर्ट के अनुसार इन गाड़ियों में लो क्वालिटी का और सस्ता सामान लगा हुआ था। जिसके परिणाम स्वरूप दोषपूर्ण बैटरी सेल और बैटरी मॉडल के कारण आग की घटनाएं हुई हैं।
यह भी पढ़ें – MP की छात्रा ने जाहिर की अजीब ख्वाहिश, शाहरुख और अजय देवगन के हाथ से लेना चाहती है गुटखा
मंत्रालय ने कथित तौर पर ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर पीओपी वीवो मोटर्स व अन्य प्रतिनिधियों के सामने स्पष्टीकरण की मांग की है और इसके लिए मौजूदा सरकार इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के लिए गुणवत्ता केंद्रित दिशानिर्देश भी जारी करने का ऐलान की है। ईवी में आग लगने के मामले को लेकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों में ओला ने अपनी s1pro इलेक्ट्रिक स्कूटर ओं की 14 सौ से अधिक यूनिट को वापस बुला लिया है। वहीं अन्य कंपनियों ने 2000 से अधिक यूनिट्स को वापस ले लिया है। जबकि ओकिनावा की बात करें तो वह 3250 से अधिक यूनिट्स को वापस बुला लिया है।