जबलपुर/भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) द्वारा परीक्षा की तारीख के ऐलान के साथ ही इन से जुड़े नियम संशोधन को चुनौती दी जा रही है। वहीँ आयोग इस साल तीन साल की बची हुई परीक्षाएं करवाएगा। इसके लिए तैयारियाँ शुरू कर दी गई है। इसकी जानकारी खुद MPPSC द्वारा दी गई है।
दरअसल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इस साल 3 साल की परीक्षाएं एक साथ आयोजित कर रहा हैं। इस वर्ष 2019, 2020 और 2021 की परीक्षाएं आयोजित की जाएगी। जिसके लिए आयोग द्वारा तैयारियां की जा रही है। हालांकि अभी तक MPPSC की तरफ से परीक्षाओं का ऐलान नहीं किया गया है लेकिन आयोग द्वारा प्लान तैयार किया जा रहा है।
वहीं फरवरी के अंतिम सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह में इस साल होने वाले 3 सालों की परीक्षा का ऐलान किया जा सकता है। जिनमें राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2019, वन सेवा मुख्य परीक्षा 2019, राज्य सेवा परीक्षा 2020, वन सेवा परीक्षा 2020 और राज्य सेवा प्रीलिम्स और वन सेवा प्रीलिम्स परीक्षा 2021 आयोजित की जाएंगी।
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वहीँ इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। जिसमें याचिकाकर्ता का कहना है कि मध्य प्रदेश पीएससी नियम 2015 में 17 फरवरी 2020 को संशोधन किया गया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया है।
जबलपुर निवासी याचिकाकर्ता मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (highcourt) में एक याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश PSC नियम में 17 फरवरी 2020 कुछ संशोधन किया गया है जिसके जरिए यदि प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग की कटऑफ मार्क्स लाता है इसके बावजूद उसे आरक्षित वर्ग में ही रखा जाएगा।
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इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा है कि 2015 नियम संशोधन में यह भी कहा गया कि अभ्यर्थियों का समायोजन नियुक्ति के समय किया जाएगा जबकि सौरव यादव बनाम यूपी सरकार मामले में साफ किया गया था कि आरक्षित वर्ग का उम्मीदवार यदि अनारक्षित वर्ग का कट ऑफ मार्क्स (cut off marks) पाता है तो उसे अनारक्षित वर्ग (unreserved category) में शामिल किया जाना चाहिए। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार पीएससी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। वहीं मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को तय की गई है।
बता दें कि इससे पहले हाईकोर्ट ने 21 जनवरी को अंतरिम आदेश देकर MPPSC के संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद 28 फरवरी को कोर्ट ने लोक सेवा आयोग की संपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर से रोक हटा दी थी। हालांकि प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट के निर्णय को हाईकोर्ट ने अपने अधीन रखा है।