जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। आधुनिक युग में तनाव और एंग्जायटी की समस्या आम हो चुकी है। छोटी से छोटी बेकार बातों पर आजकल लोगों के दिल घबराने लगता है, सांस फूलने लगती है, रात को नींद नहीं आती और धड़कने तेज हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो यह एंग्जाइटी के लक्षण हो सकते हैं। एंग्जाइटी आपके अनियमित दिनचर्या, रिश्तों में गलत व्यव्हार तनाव को जन्म देता है, दूसरे से खुद की तुलना करना, लड़ाई- झगड़ा और समाज से दूर रहना इसका एक प्रमुख कारण है। यह रोग गंभीर हैं लेकिन इसका इलाज भी सम्भव है योग द्वारा। इस लेख में हम आपको योग के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको तनाव से दूर रहने में मदद करेगा।
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क्या आपको पता है महिलाओं को ज्यादा होता है तनाव? पुरुषों की तुलना में महिलाओं को जल्दी ही अवसाद घेर लेता है। पिछले कुछ सालों में 15 गुना महिलाओं की संख्या बढ़ी है। अवसाद के सबसे ज्यादा पीड़ित युवा हैं। अगर इसे समय से कंट्रोल नहीं किया गया तो बाद में डिप्रेशन और एंग्जायटी अटैक जैसी समस्या में बदल जाती है। जिसके असर से निजी जीवन और कार्य प्रभवित होने लगते हैं। एंग्जायटी शारीरिक नहीं अपितु मानसिक बीमारी है। जो धीरे धीरे शरीर को खोखला कर देती है।
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ऑफिस में कार्य का बोझ, परिवारिक कलह, लव लाइफ की समस्या जैसी घटनाएं भी एंग्जाइटी की समस्या हो सकती हैं। किसी बात को लेकर अधिक चिंतित रहना, खुद को परफेक्ट न कर पाने के कारण खुद को कमतर समझना, दूसरों से तुलना यह सब एंग्जायटी में आते हैं। बुरी आदत जैसे अधिक नशा करना, स्ट्रेस के दौरान शराब, सिगरेट जैसी कई नशीले पदार्थों का प्रयोग समस्या को कम करने की जगह उसे बढ़ा देता है। इनको भी छोड़ने के लिए यदि आप अपने जीवन में मेडिटशन, हेल्दी डाइट, सकारात्मक विचार, आत्मविश्वास और पसंदीदा कामों को करते हैं तो इससे जल्द ही निजात पा सकते हैं।
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योग, ध्यान और प्राणायाम से आप किसी भी तरह के उदासी, तनाव और चिंता से उबर सकते हैं। इसके लिए आपको रुटीन में कम से कम 40 से 50 मिनट योग और प्राणायाम को देना है। इसके अलावा हॉबी जैसे कि पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें रीड करने जैसे छोटी छोटी चीजें करें यह प्रभाव डालता है सकारत्मक रूप से।
एंग्जायटी के यह 5 आसन आपके लिए हैं फायदेमंद
बद्ध कोणासन में जांघ और गुप्तांग के आसपास के हिस्सों के स्ट्रेच करना होता है। यह रीढ़ की हड्डी को सीधा करने के साथ साथ आपको डिप्रेशन, टेंशन और तनाव को कम करने में मदद करता है।
पश्चिमोत्तानासन में बैठ जाएँ। इसके बाद आगे की ओर झुककर अपने पैर के उंगलियों को छुएं। यह आपके ब्लॉकेज को खोलता है। इस आसन को करने से आपके दिमाग को शांत रहने में मदद मिलती है।
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दंडासन में रीढ़ की हड्डी को सीधा कर बैठे और पैरों को सामने की ओर फैलाएं। लंबी सांस लेकर कुछ देर रोकें, फिर छोड़ दें। इससे आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होगी और आप रिलैक्स हो जायेंगे।
उष्ट्रासन शरीर में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाता है। ब्लड सरकुलेशन शरीर को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इससे आपका मानसिक तनाव अपने आम काम हो जाता है।
सेतु बंधासन भी ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाने का काम करता है। और हार्ट ब्लॉकेज को खोलने में मददगार होता है। नियमित रूप से इसका अभ्यास आपके दिमाग को शांत और खुद को तनावमुक्त करता है।