डीए वृद्धि से पहले कर्मचारियों को तोहफा, एक महीने की सैलरी के बराबर बोनस, खाते में आएगी इतनी राशि, आदेश जारी

उन कर्मचारियों को यह बोनस मिलेगा जो 31 मार्च 2024 तक सर्विस में रहे हैं और साल 2023-24 के दौरान कम से कम 6 महीने तक काम किया है।

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Government Employees Diwali Bonus : केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। केन्द्र की मोदी सरकार ने महंगाई भत्ता वृद्धि के ऐलान से पहले कर्मचारियों को दिवाली बोनस का तोहफा दिया है। वित्त मंत्रालय ने केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए  वित्त वर्ष 2023-24 के लिए नॉन-प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (एडहॉक बोनस) देने की घोषणा की है। इसके तहत ग्रुप बी और ग्रुप सी कैटगरी वाले कर्मचारियों को 30 दिन की सैलरी के बराबर का पैसा मिलेगा।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पात्र कर्मचारियों में समूह ‘C’ और समूह ‘B’ के गैर-राजपत्रित कर्मचारी शामिल हैं, जो किसी भी उत्पादकता से जुड़े बोनस योजना का हिस्सा नहीं हैं। बोनस की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले अधिकतम मासिक वेतन 7,000 रुपये निर्धारित की गई है।

इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

इसका लाभ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों को भी मिलेगा। साथ ही उन कर्मचारियों को यह बोनस मिलेगा जो 31 मार्च 2024 तक सर्विस में रहे हैं और साल 2023-24 के दौरान कम से कम 6 महीने तक काम किया है। दूसरे शब्दों में कहे तो वे कर्मी, जो अमान्य तरीके से मेडिकल आधार पर 31 मार्च से पहले रिटायर हो गए या दिवंगत हो गए हैं, लेकिन उन्होंने वित्तीय वर्ष में छह माह तक नियमित ड्यूटी की है तो उसे एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा।सभी पेमेंट को निकटतम रुपये में राउंडेड किया जाएगा और खर्चों को संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा उनके स्वीकृत बजट के भीतर कवर किया जाएगा।

ऐसे होगी बोनस की गणना

एडहॉक बोनस के तहत जो रकम दी जाती है, उसका निर्धारण करने के लिए एक नियम बनाया गया है। बोनस राशि की गणना औसत परिलब्धियों को 30.4 से विभाजित करके, फिर उसे 30 दिनों से गुणा करके की जाएगी। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का मासिक वेतन 7,000 रुपये है, तो उनका बोनस लगभग (7000 x 30/30.4 + 6907.89/- रुपए) 6,908 रुपये होगा। लगातार तीन वर्षों तक एक वर्ष में कम से कम 240 दिन काम करने वाले आकस्मिक मजदूर भी इस बोनस के लिए पात्र होंगे, जिसकी गणना 1,200 रुपये प्रति माह के आधार पर की जाएगी।इस फैसले से केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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