सुख समृधि पाने के लिए अक्षय तृतीया पर करें कुछ आसान उपाय
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का पर्व दान-पुण्य के कर्म के लिहाज से बहुत उत्तम होता है l हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कर्मों का क्षय कभी नहीं होता l
इस दिन स्वर्ण और चांदी खरीदना शुभ माना गया है. माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने से यह पीढ़ियों तक बढ़ता है. कहा जाता है कि इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ भी हुआ था. इसके अलावा द्वापर युग का समापन भी हुआ था l
अक्षय तृतीया पर इन चीजों का दान करना होता है शुभहिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि किसी भी व्यक्ति जिसे मदद की जरूरत है उसे देवता व पितरों के नाम से जल, कुंभ, शक्कर, सत्तू, पंखा, छाता फलादि का दान करना चाहिए. ऐसा करना बहुत ही शुभ फलदायी होता है. ऐसा करने से लक्ष्मी माता बहुत खुश होती हैं और भक्त के घर में मां लक्ष्मी स्वयं चलकर आ जाती हैं l
इस दिन जल से भरा हुआ घड़ा, शक्कर, गुड़, बर्फी, सफेद वस्त्र, नमक, शरबत, चावल, चांदी का दान भी किया जाता है l
पितरों को करें प्रसन्नआज के दिन देवता व पितरों के नाम से दान देने पर अक्षय पुण्य लाभ की प्राप्ति होती है और महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं l इसी दिन अर्थात अक्षय तृतीया के दिन दस महाविद्या में नवमी महाविद्या मातंगी देवी का प्रार्दुभाव हुआ था l
पितृदोष दूर होता है
इस दिन पूजा करते समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा पर अक्षत चढ़ाना चाहिए. इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा पितृदोष निवारण के लिए पितरों को तर्पण देना बहुत लाभदायक होता हैयदि आपके घर में पितृ दोष है तो पिंडदान के अलावा पितरों की मुक्ति के लिए गीता के 7 वें अध्याय का पाठ करें और प्रभु नारायण से पितरों को मुक्ति देने की प्रार्थना करें